श्रीमद भागवत गीता

 भगवत गीता, जिसे आमतौर पर "गीता" के नाम से जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदी धार्मिक ग्रंथ है। इसे भगवद गीता के रूप में संजीवनी पुस्तकों में गिना जाता है, जिसमें विश्व के महान धार्मिक और दार्शनिक विचार समाहित हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु हैं:

  1. भगवद गीता क्या है? - यह एक धार्मिक ग्रंथ है जो महाभारत के अंतर्गत है।
  2. भगवद गीता के प्रमुख उद्धरण - "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचना" जो कर्म की महत्व को बताता है।
  3. PDF - Bhagavad Gita PDF विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है, जैसे Bhagavad Gita Telugu PDF, Bhagavad Gita in English PDF और Bhagavad Gita PDF in English
  4. संक्षेप - गीता Arjuna और Lord Krishna के बीच एक संवाद है, जहाँ भगवान कृष्ण अर्जुन को धर्म, कर्म, और योग के विषय में उपदेश देते हैं।
  5. Bhagavad Gita As It Is - एक प्रसिद्ध टिप्पणी है, जिसे A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada ने लिखा।
  6. लेखक - इसे माना जाता है कि वेदव्यास ने Bhagavad Gita को लिखा।
  7. Positive Thinking Bhagavad Gita Quotes और Karma Bhagavad Gita Quotes आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।
  8. भगवद गीता का अध्याय 1, 2, 3, 12 और अन्य अध्याय भी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं।
  9. Bhagavad Gita Book विश्वभर में प्रसिद्ध है और इसे विभिन्न भाषाओं में अनुवादित किया गया है,


भगवत गीता में बहुत सारे महत्वपूर्ण श्लोक हैं जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं। यहाँ कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण श्लोक दिए जा रहे हैं:

  1. यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ अर्थ: हे भारत! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं अपने रूप को रचता हूँ।
  1. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ अर्थ: तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल में नहीं। इसलिए कर्म का फल प्राप्त करने की इच्छा मत रखो और न ही कर्म में असक्त हो।
  1. आत्मौपम्येन सर्वत्र समं पश्यति योऽर्जुन। सुखं वा यदि वा दुःखं स योगी परमो मतः॥ अर्थ: जो पुरुष अपने ही जैसा सबको देखता है, चाहे सुख हो या दुःख, वही योगी सर्वोत्तम है।
  1. दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः। वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते॥ अर्थ: जिसका मन दुःख में उद्विग्न न हो, सुख में आसक्ति न रखे, जो राग, भय और क्रोध से रहित हो, वही स्थिरप्रज्ञ मुनि कहलाता है।

ये श्लोक जीवन में सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और व्यक्ति को धार्मिक और समर्पण भाव में जीने के लिए प्रेरित करते हैं। भगवद गीता को जानना और समझना आज भी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जीवन के सभी पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करता है। चाहे वह धर्म हो, कर्म हो, या जीवन के अन्य पहलु हों। यह उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो जीवन में सही मार्ग पर चलना चाहते हैं।

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